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Description
शेरों से मेरी मुलाकातें
शेरों से मेरी मुलाकातें ‘‘अचानक जंगल में सन्नाटा गहरा गय। उस गहरे सन्नाटे को चीरती हाथियों के चिंघाड़ने की आवाजें, तभी एक अजीब–सी आवाज हाथियों की ओर से आई। मैं समझ गया कि यह वही आवाज है जो हाथी अपनी सूँड जमीन पर पटककर निकालते हैं लेकिन सिर्फ शेर के आसपास होने पर–––और फिर सारा जंगल शेर की दहाड़ से काँप उठा।’’
शेर से नजदीकी का हैरतअंगेज–रोमांच और एक शिकारी होने का एहसास आपके जेहन को गुदगुदाये बिना नहीं रहेगा। हास्य और व्यंग्य से सँवारे ये लेखक के नितांत अपने अनुभव हैं। शेरजंग की इस किताब में एक शिकारी का रोमांच भी है और शेरों के प्रति बाल सहज जिज्ञासा के जवाब भी। शुरू करते ही एक रोचकता पाठक को जकड़ते हुए, एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ शेर ही नहीं जंगल के सारे जानवरों का एहसास होता है। जिसमें शामिल हैं। उनकी आदतें, व्यवहार और उनका जीवन–चक्र।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
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