Dhyan Sadhana

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Dhyan Sadhana

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150.00 149.00

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Author: Nandlal Dashora

Availability: 5 in stock

Pages: 175

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

ध्यान साधना

ध्यान किसी क्रिया का नाम नहीं है। शरीर, वाणी एवं विचारों को निश्चल कर देना ही ध्यान है, इससे मन की हलचल शान्त हो जाती है। मन की इसी शान्तावस्था को ध्यान कहते हैं। इसलिए ध्यान किया नहीं जाता, करने का भाव भी ध्यान में बाधा है। जहां करने की बात आती है वहीं पर मन उपस्थित हो जाता है। इसलिए यह अक्रिया का मार्ग है, सब कुछ करना छोड़ना है।

मनुष्य क्रिया की भाषा को ही समझता है कि सब कुछ करने से ही होता है, बिना किए कुछ भी नहीं होता। किन्तु परमात्मा करने से नहीं मिलता, वह तो मिला हुआ ही है जो आत्मरूप में सबके भीतर विद्यमान है। मन की हलचल को रोकना ही उसके अनुभव का एकमात्र मार्ग है। इसी को ध्यान कहते हैं।

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Authors

Binding

Paperback

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Language

Hindi

Pulisher

Pages

Publishing Year

2015

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