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Description
हमारे सोलह संस्कार
औचित्य और महत्व
अर्थात्
क्यों करते हैं 16 संस्कार
संस्कार का साधारण अर्थ किसी दोषयुक्त वस्तु को दोष रहित करना है। अर्थात् दोषयुक्त वस्तु को जिस प्रक्रिया से दोष रहित किया जाये और उसमें अतिशय का आधान कर देना ही संस्कार है। सोलह संस्कारों की पूरी प्रक्रिया मन के शोधन की ही प्रक्रिया हैं। आजकल मनुष्य उत्तम फसल प्राप्ति के लिए जितने प्रयत्न कर रहा है उतने उत्तम सन्तान की प्राप्ति के लिए नहीं कर रहा हैं। विज्ञान के पास भी ऐसी कोई विधि नहीं कि उत्तम सन्तान की प्राप्ति हो। भारतीय धर्म ने जो विधि दी उसकी उपेक्षा कर दी गई। हमारे संस्कारों का उद्देश्य पहले से विद्यमान गुणों एवं योग्यताओं को स्वस्थ रूप से विकास का अवसर देना है। एक ओर पूर्व जन्म के संस्कारों के दोषों को दूर करना तथा नवीन उत्तम संस्कारों से मनुष्य को अनुप्राणित करना है। इसीसे मनुष्य को सुसंस्कृत बनाया जा सकता हैं।
– इसी पुस्तक से
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
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