Dharampur Lodge

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Dharampur Lodge

Dharampur Lodge

500.00 375.00

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500.00 375.00

Author: Pragya

Availability: 5 in stock

Pages: 232

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389742084

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

धर्मपुर लॉज

उम्मीद, नाउम्मीदी से कहीं अधिक बड़ी होती है। नाउम्मीदी जब लोगों को बार-बार हराने का मंसूबा बनाती है तो लोग उसे पछाड़कर आगे बढ़ जाते हैं। यह उपन्यास ऐसे ही तीन लड़कों की कहानी है जो किशोर उम्र से जवानी की दहलीज़ पर आ खड़े होते हैं और उसमें तमाम रंग भरते, एक दिन उसे लांघकर उम्र के अगले पड़ाव पर पहुंच जाते हैं। उनकी जिंदगी उस धरातल पर चलती है जहां उनके गली-मोहल्ले के सुख-दुख हैं। जहां उन्हें लगता है कि बस इतना ही आकाश है उनका। वे एक ओर प्रेम का स्वप्निल संसार रचते हैं तो दूसरी ओर अपराध की नगरी उन्हें खींचती है। उनकी ज़िंदगी वास्तविक कठोर धरातल पर तब आती है जब वे अपने इलाके के मज़दूरों से जुड़ते हैं, देश में आ रहे परिवर्तनों के गवाह बनते हैं। एक तरफ उदारीकरण की कवायद तो दूसरी तरफ साम्प्रदायिकता का उभार। एक तरफ समृद्धि के नए खूबसूरत सपने और दूसरी तरफ बदहाली की बदसूरत तस्वीरें।

ये दिल्ली के उस दौर की कहानी है जब शहर की आबोहवा सुधारने के लिए दिल्ली की कपड़ा मिलों में काम करने वाले हज़ारों लोगों का रोज़गार एक झटके में खत्म कर दिया गया। कितनी ही जिंदगियां तबाही की ओर धकेल दी गयीं। उपन्यासकार ने समय की इसी इबारत को आपके सामने लाने की एक सार्थक कोशिश की है। पुरानी दिल्ली के इलाके किस्सागोई के अंदाज़ में बयां हुए हैं।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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