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Description
ऐसे लोग ऐसी बातें
कभी चिलचिलाती वैशाखी धूप में जलाने वाले, तो कभी मूसलाधार बारिश में सिर छिपाने के लिए, प्राण बचाने के लिए यहाँ-वहाँ भागते हुए, बेसुध गंध बिखेरने वाले; ऐसे मन व ऐसे जन मुझे मिले तब अवाक् पैरों के नीचे रहकर गवाही देने वाले और जीवन की यात्रा में अनेक संकटों का सामना करने के लिए मेरे भीतर आवश्यक साहस भरनेवाले मेरे जन्म-गाँव ‘आजरा’ की लाल मिट्टी और वहाँ के असंख्य ग्रामीणों को !
– शिवाजी सावंत
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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