Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Sanskrit Bhasha

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Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Sanskrit Bhasha

Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Sanskrit Bhasha

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Author: Dr. Prabhakar Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 184

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789388684682

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

भारतीय भाषाओं में रामकथा – संस्कृत भाषा

भारतीय संस्कृति के विभाजन को केन्द्र में रखते हुए भारतीय भाषाओं एवं राज्यों को पृथक्-पृथक् खण्डों में बाँटने वाले विदेशी राजतन्त्रों के कारण भारत बराबर टूटते हुए भी अपने सांस्कृतिक सन्दर्भो के कारण अब भी एक सूत्र में बँधा है। एकता के सूत्र में बाँधने वाले सन्दर्भो में राम, कृष्ण, शिव आदि के सन्दर्भ अक्षय हैं। भारतीय संस्कृति अपने आदिकाल से ही राममयी लोकमयता की पारम्परिक उदारता से जुड़ी सम्पूर्ण देश और उसके विविध प्रदेशों एवं उनकी लोक व्यवहार की भाषाओं में लोकाचरण एवं सम्बद्ध क्रियाकलापों से अनिवार्यतः हज़ारों-हज़ारों वर्षों से एकमेव रही है। सम्पूर्ण भारत तथा उसकी समन्वयी चेतना से पूर्णतः इस भारतीय अस्मिता को पुनः भारतीयों के सामने रखना और इसका बोध कराना कि पश्चिमी सभ्यता के विविध रूपों से आक्रान्त हम भारतीय अपनी अस्मिता से अपने को पुनः अलंकृत करें।

भारतीय भाषाओं में रामकथा को जन-जन तक पहुँचाने का यह हमारा विनम्र प्रयास है। संस्कृत भाषा में ‘रामकथा’ पर विपुल लेखन हुआ है। ‘रामकथा’ परम्परा की यह सर्वाधिक समृद्ध साहित्य धारा है। आदिकवि ‘वाल्मीकि के ‘रामायण’ को संस्कृत में ‘रामकथा’ का आदिकाव्य माना जाता है। ‘रामायण’ की परम्परा में संस्कृत में काव्य, नाटक, कथा और अन्य साहित्यिक विधाओं में विभिन्न रचनाएँ रची गयीं। यहाँ ‘रामकथा’ की इसी समृद्ध परम्परा का विवेचन करते हुए। पुस्तक में रामकथा पर आधारित प्रमुख कृतियों का वैचारिक एवं शोधपरक विश्लेषण भी किया गया है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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