Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Tamil Bhasha

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Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Tamil Bhasha

Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Tamil Bhasha

250.00 205.00

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Author: Yogendra Pratap Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 88

Year: 2016

Binding: Hardbound

ISBN: 9789352295678

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

भारतीय भाषाओं में रामकथा – तमिल

तमिल भारत की प्राचीनतम भाषाओं में से है और उसका प्राचीन साहित्य परिमाण एवं गुणवत्ता दोनों दृष्टियों से भारत की दूसरी साहित्य-समृद्ध प्राचीनतम भाषा संस्कृत की टक्कर का है। ये दोनों ही भाषाएँ और उनका साहित्य शास्त्रीय भाषाओं की कोटि में माना जाता है। भारतीय मानस के निर्माण में इन दोनों भाषाओं की वाग्धारा का महत्त्वपूर्ण योगदान निस्संदिग्ध है। रामायण और महाभारत ये दोनों ग्रन्थ भारतीय साहित्य के मेरुदंड हैं और उन दोनों का गहरा प्रभाव समस्त भारतीय भाषाओं पर पड़ा है।

प्राचीन तमिल साहित्य-संगमकालीन साहित्य में (ई. पू. 500 से ई. सन् 200 तक का काल) ही रामायण सम्बन्धी अनेक सूचनाएँ हमें प्राप्त होती हैं। फिर भी महाकवि कम्बन से पूर्व कोई व्यवस्थित रूप से लिखित रामकाव्य नहीं मिलता है, विविध कथा-प्रसंगों के छिटपुट अवश्य मिलते हैं जैसे बिड़ाल का रूप धारण करना, इन्द्र का अहल्या के पास पलायन एवं ऋषि गौतम के शाप से अहल्या का प्रस्तर खंड बनना, रावण द्वारा कैलासोत्तोलन का असफल प्रयास, यज्ञ में सहायता कर राम का विश्वामित्र सहित मिथिला-प्रवेश तथा उसी समय सीता-राम का प्रथम दर्शन और परस्पर भावैक्य घटना और अनेक प्रसंग।

पुस्तक के आकार की सीमा को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत संकलन पूर्णतया कम्ब रामायण के अनेकानेक प्रसंगों को उजागर नहीं कर सका। मगर यह निस्संकोच कहा जा सकता है कि रामकथा पर पहला व्यवस्थित और विस्तृत प्रयास महाकवि कम्बन ने ही किया और उसे पूर्णता तक पहुंचाया।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

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