Ek Jindagi Kafi Nahi

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Ek Jindagi Kafi Nahi

Ek Jindagi Kafi Nahi

499.00 379.00

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499.00 379.00

Author: Kuldeep Nayar

Availability: 4 in stock

Pages: 472

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788126723386

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

एक जिन्दगी काफी नहीं

यह किताब उस दिन से शुरू होती है जब 1940 में ‘पाकिस्तान प्रस्ताव’ पास किया गया था। तब मैं स्कूल का एक छात्र माने था, लेकिन लाहौर के उस अधिवेशन में मौजूद था जहाँ यह ऐतिहासिक घटना घटी थी। यह किताब इस तरह की बहुत-सी घटनाओं की अन्दरूनी जानकारी दे सकती है, जो किसी और तरीके से सामने नहीं आ सकती-बँटवारे से लेकर मनमोहन सिह की सरकार तक। अगर मुझे अपनी जिन्दगी का कोई अहम मोड़ चुनना हो तो मैं इमरजेंसी के दौरान अपनी हिरासत को ऐसे ही एक मोड़ के रूप में देखना चाहूँगा, जब मेरी निर्दोंषिता को हमले का शिकार होना पडा था।

यहीं यह समय था जब मुझे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के हनन का अहसास होना शुरू हुआ। साथ ही, व्यवस्था में मेरी आस्था को भी गहरा झटका लगा था। पाकिस्तान और बांग्लादेश में वहुत-से लोगों के साथ मेरे व्यक्तिगत सम्बन्ध हैं और मुझे इन सम्बन्धों पर गर्व है। मेरा विश्वास है कि किसी दिन दक्षिण एशिया के सभी देश यूरोपीय संघ की तरह अपना एक साझा संघ बनाएँगे। इससे उनकी अलग-अलग पहचान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मैं पूरी ईमानदारी से कह सकता हूँ कि नाकामयाबियाँ मुझे उस रास्ते पर चलने से रोक नहीं पाई हैं जिसे मैं सही मानता रहा हूँ और लड़ने लायक मानता रहा हूँ।

जिन्दगी एक लगातार बहती अन्तहीन नदी की तरह है, बाधाओं का सामना करती हुई, उन्हें परे धकेलती हुई, और कभी-कभी ऐसा न कर पाते हुए भी। यह बता पाना बस से बाहर है कि पिछले आठ दशकों से कौन सी चीज मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही हैं-नियति या संकल्प ? या ये दोनों ही ? आखिर तमाशा जारी रहना चाहिए। मैं इस मामले में महान उर्दू शायर गालिब से पूरी तरह सहमत हूँ-शमा हर रंग में जलती है सहर होने तक।

– भूमिका से

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

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