Meerabai Ki Sampurna Padawali

-25%

Meerabai Ki Sampurna Padawali

Meerabai Ki Sampurna Padawali

215.00 162.00

In stock

215.00 162.00

Author: Ramkishor Sharma

Availability: 4 in stock

Pages: 253

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9788180317743

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

मीराँबाई की  सम्पूर्ण पदावली

भक्तिकाल में मीरां की ख्याति दूर-दूर तक फैल गयी थी। मीरा के विषय में अनेक किंवदन्तियाँ भी गढ़ ली गयीं। किंवदन्तियाँ भले ही ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित न हों किन्तु उनसे इतना अवश्य जाहिर होता है कि मीराँ अपनी विद्रोही चेतना के कारण लोकप्रिय अवश्य हो गयी थीं। जो रचनाकार जितना अधिक लोकप्रिय होता है उतना अधिक उसके कृतित्व का देशकाल के अनुसार रूपान्तरण होता है।

मीरां के पद गेय थे अतः एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त में साधु, सन्तों तथा गायकों के द्वारा मौखिक ढंग से प्रचारित- प्रसारित होते रहे। मीराँ सर्जनात्मक चेतना को भी उद्वेलित करती हैं। मीराँ के पदों में पाठ भेद होने के लिए प्रादेशिक भेद तथा मौखिक गेय परम्परा को जिम्मेदार ठहराया गया है। उनके औचित्य पर प्रश्नचिह्न लगाये बिना एक सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मीरां ने कुछ पदों को दुबारा कुछ विस्तार से तथा कुछ परिवर्तन के साथ गाया होगा। आत्मोल्लास या उन्माद के क्षणों में गाये जानेवाले गीतों में गायक को इसकी सुध-बुध कहाँ रहती है कि वह अपने पूर्व कथन को दुहरा रहा है। उन्होंने अपने जीवन में घटित हुए कटु एवं तीक्षा अनुभवों को वाणी दी है, राणा के द्वारा जो व्यवहार किया गया था, यदि मीरी भावावेश के क्षणो में उनका कई पदों में स्मरण करती हैं और भगवद् कृपा की महिमा का अनुभव करती हैं।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Meerabai Ki Sampurna Padawali”

You've just added this product to the cart: