-20%

Meer

Meer

395.00 315.00

In stock

395.00 315.00

Author: Ramnath 'Suman'

Availability: 5 in stock

Pages: 294

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789357759823

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

मीर

उर्दू-काव्य से मीर को निकाल दीजिए तो जैसे गंगा को हिन्दुस्तान से निकाल दिया। मीर में अनुभूति की गहराइयाँ तड़पती हैं, वहाँ दिल का दामन आँसुओं से तर है। मीर में एक अजब-सी खुदफरामोशी है, एक बाँकपन, एक अकड़, एक फकीरी तथा ज़बान की वह घुलावट है, जो किसी दूसरे को नसीब नहीं हुई। बिना डूबे मीर को पाना मुश्किल है। ‘सहल है मीर को समझना क्या, हर सुखन उसका एक मुकाम से है।’ सर्वांगीण समीक्षा के साथ इस पुस्तक में मीर नज़दीक से व्यक्त हुए हैं।

सुमन जी लगभग चालीस वर्षों तक उर्दू-काव्य के गहन अध्येता रहे। उनमें गहरी पकड़ थी, वह कवि के मानस में उतरते थे। मीर के इस अध्ययन को, जो सुमन जी की पैनी दृष्टि से गुज़रकर आया है, पढक़र आपको मीर के सम्बंध में उर्दू में कुछ पढ़ने को नहीं रह जाता, क्योंकि इसमें मीर पर हुए सम्पूर्ण अद्यतन श्रम का समावेश है। प्रस्तुत है पुस्तक का नया संस्करण।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Meer”

You've just added this product to the cart: