Kul Jama Bees

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Kul Jama Bees

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395.00 325.00

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395.00 325.00

Author: Rajni Gupta

Availability: 4 in stock

Pages: 240

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9788171382606

Language: Hindi

Publisher: Samayik Prakashan

Description

कुल जमा बीस

आपका बंटी, (मन्नू भंडारी) और दौड़ (ममता कालिया) के बीच के समयांतराल की पड़ताल का नतीजा है रजनी गुप्त का यह नया उपन्यास- ‘कुल जमा बीस’। बंटी बड़ा हो रहा है। यौवन और कैशोर्य की संधिरेखा पर दिग्भ्रमित इस बंटी (आशू) के माध्यम से रजनी ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली, करियर की दौड़ और अभिभावकों के दरकते दांपत्य के बीच पिसते और इनसे मुक्त होने की यंत्रणा में छटपटाते, भ्रमित, आभासी (वर्चुअल) दुनिया के दलदल में तिल-तिल डूबते जा रहे किशोरों के जीवन को वहां पहुंचकर दर्ज किया है जहां बूढ़े पुराने मूल्य खंडित हो रहे हैं। पुराने प्रतिमान ढह रहे हैं, रिश्तों के मयार बदल रहे हैं और कपड़े बदलने की भांति बदल रहे है यौन साथी। मौज-मस्ती और इंटरनेट के संजाल में गर्क हो रही हैं वर्जनाएं। भीतिकतावादी हो रहे भारतीय समाज में देह, भोग और आत्मतुष्टि के पाटों में पिस रहा है पीर पराई अनुभव करने का चलन।

तीन पीढ़ियों के जीवन मूल्यों, अभीप्साओं और आदर्शों के ढंद्ध की इस कथा में अपनी पुरानी जमीन से उठकर रजनी ने वर्तमान समय, समाज और जीवन को गहन अनुसंधान, अन्वेषी अध्ययन, ताजातरीन अनुभवों और तरल संवेदनशीलता की रोशनाई से इस उपन्यास को रचा है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

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