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Description
श्रापित किन्नर
आज स्थिति और नियति ने, परिवार द्वारा ठुकराए जाने पर, सातवां आसमान छूने की आकांक्षाओं ने किन्नरों के पांवों में अतिरिक्त गति भर दी है। परंतु यह प्रश्न आज भी ज्यों का त्यों है।
किन्नर श्रापित है ! और क्यों है ?
उपन्यास ‘श्रापित किन्नर’ हिना के जीवन-संघर्ष की गाथा है, जिसमें प्रत्येक किन्नर के अतीत के संघर्ष की झलक दिखाई देती है।
जीवन जीने वाली हिना जो बचपन से श्रापित होने का दाग लिए अपना जीवन जीती है और अन्त क्षणों में सोचती है कि मुझे घुटन भरी जिंदगी से मुक्त जीवन जीना है। आज के समय में किन्नरों पर हो रहे दुर्व्यवहार, अत्याचार इतने अधिक बढ़ गए हैं कि परिवार में वह सम्मान का जीवन व्यतीत नहीं कर सकते न ही समाज में। उपन्यास के माध्यम से लेखिका ने इनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। उपन्यास के माध्यम से यह व्यक्त किया है कि वह श्रापित नहीं है, इनकी अपनी अलग पहचान है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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