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Description
भारतीय संस्कृति कुछ विचार
स्वर्गीय राष्ट्रपति राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और विचारक थे। भारतीय संस्कृति के वे मूर्धन्य व्याख्याता तथा उसके समर्थक थे। भारतीय संस्कृति का वास्तविक स्वरूप उन्होंने विश्व के सामने प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया। भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ यह है कि वह मानव के उद्बोधन का मार्ग प्रशस्त करती हैं। भारतीय संस्कृति धर्म को जीवन से अलग करती करने की बात नहीं मानती, अपितु वह मानती है कि धर्म ही जीवन की ओर ले जाने वाला मार्ग है और उसे बताती है कि उससे किसी को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं-क्योंकि मानव जिन विचारों से भयभीत होता है, वे तो स्वयं उसके अन्तर में छिपे हुए हैं। मानव को उन्हीं पर विजय प्राप्त करनी है। भारतीय संस्कृति यह भी नहीं कहती मानव की महत्ता कभी न गिरने में ही, वरन् मानव की महत्ता इस बात में ही कि वह गिरने पर भी उठकर खड़ा होने में समर्थ है। उसकी महत्ता इस बात की है वह अपनी दुर्बलताओं पर प्रभुत्व पाने में कहाँ तक समर्थ है।
महान् विचारक-दार्शनिक डॉ. राधाकृष्णन ने इस पुस्तक में अनेक संस्कृतियों के आध्यात्मिक अन्वेषण से ही मानव मात्र की जीवन उन्नत हो सकता है।
आमुख
मानव-मन में सभ्य और विकसित के साथ ही आदिम, पुरातन एवं शिशु भी उपस्थित रहता है। हमारे अन्दर को जोड़ता और बुराई है, उसके विरुद्ध हमें संघर्ष जारी रखना चाहिए। हमारे शत्रु हमारे अन्दर ही हैं। जो वृत्तियाँ हमें चरित्रभ्रष्टता के लिए बहाकाती हैं, जो आग हमारे अन्दर जलती है, वह सब अज्ञान एवं त्रुटि के उस अन्तः क्षेत्र से उठती हैं, जिसमें हम रहते हैं। मानव की महिमा इस बात में नहीं कि वह कभी गिरे नहीं, बल्कि इस बात में है कि हर बार वह गिरने पर उठ खड़ा हो।
आत्मविजय लालसा से शान्ति तक पहुँचने का ही मार्ग है। पाप करने एवं दुःख भोगने के जीवन की अपेक्षा एक महत्तर जीवन है। किसी मनुष्य की साधुता की मात्रा का परीक्षण इस बात से होता है कि वह किस सीमा तक अपनी प्रकृति की दुर्बलताओं पर प्रभुत्व पाने में समर्थ हुआ है। धर्म जीवन से बाहर ले जाने का मार्ग नहीं है, अपितु जीवन की ओर ले जाने वाला मार्ग है।
सभी धर्मों में जीवन का निषेध करने वाले मनोवेगों की अन्तःक्रिया ने बारंबार भारतीय चिन्तन-धारा को नूतन रूप दिया है और आविश्रान्त आध्यात्मिक अन्वेषण में भारत को अग्रसर किया है
– राधाकृष्णन्
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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