Satah Par Chand

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Satah Par Chand

Satah Par Chand

225.00 200.00

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225.00 200.00

Author: Rajni Gupta

Availability: 5 in stock

Pages: 0

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789390410514

Language: Hindi

Publisher: Pralek Prakashan

Description

सतह पर चांद

अस्तित्‍व को बचाए रखने का संघर्ष और अस्मिता की तलाश में जुटे पात्रों की कहानियों का संग्रह है – ‘सतह पर चांद’। इस संग्रह के पात्र सतह पर पांव टिकाए चांद छूना चाहते हैं। इसलिए ये कहानियां कद और उम्र, दोनों में लंबी हैं। खुली आँखों से देखे सपनों का पीचा करते हुए पात्र जब जीवन के यथार्थ से टकराते हैं, तब पात्रों के साथ हमारी भी आँखें खुली रह जाती हैं। कहानियों का विन्यास इस तरह से हुआ है कि सब कुछ सच सा लगते हुए एक स्थान पर, एक वाक्य या दृश्य से स्पष्ट होता है कि पिछली यात्रा, सच कि नहीं बल्कि सच के भ्रम की यात्रा थी। इसके बाद कहानी जीवन के मूल की ओर मुड़ती है और वहां से एक नई यात्रा का संधान करती है। कहानियों में जिस सत्‍वल की स्‍थापना की गयी है, वह है – जीवन से प्रेम। ‘प्रेम का एहसास इतना विलक्षण है जो महज अल्‍पसमय के लिए ही मुंडेर पर अपने पंजे रखता है किसी दुर्लभ पक्षी की तरह। कुछ देर टेर लगाता है और प्रतिध्‍वनि न मिलने पर वापस चला जाता है। तुम इस एहसास की अनसुनी कर दोगे तो इसे खो दोगे।’

– इसी संग्रह में से

कथाकार रजनी गुप्‍त अपनी कहानियों के जरिए हमें आगाह करती हैं कि जितना पेड़ बचाना जरूरी है, पानी बचाना जरूरी है, उतना ही विलुप्‍त होती प्रजाति के प्रेम पंछी को भी बचाना जरूरी है। इसलिए अंततः यह आपस का प्रेम ही हमें बचाएगा। इस संग्रह के केंद्र में नई स्‍त्री और युवा हैं। काम करने के लिए घर से बाहर निकली यह स्‍त्री अपने स्‍वतंत्र व्‍यक्तित्‍व का विकास करना चाहती है। युवा चाहता है कि सभी उसके सपने को समझें। परिवार, समाज और वे स्‍वयं, इस त्रिकोणीय तनाव में युवा और स्‍त्री अपने पांव कहां रखें ? इस द्वंद्व का चित्रण इतना सटीक है कि जैसे उन पात्रों के साथ रहकर उनका रोजनामचा लिखा जा रहा हो। इंसान के सहमेल के महत्‍व का स्‍मरणीय रेखांकन है – ‘‘वक्‍त को हम फिजिक्‍स की तरह या गणित की तरह तौलते रहे जबकि जिंदगी में सबसे बड़ी जरूरत है कैमिस्‍ट्री की।’’ नैतिक संकट के इस दौर में ये कहानियां गहराई से नैतिक जिम्‍मेदारी का वहन करती हैं।

– किरण सिंह

(चर्चित कहानीकार)

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Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Publishing Year

2021

Pulisher

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