Pratibimban : Vyakti Vichar Aur Samaj

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Pratibimban : Vyakti Vichar Aur Samaj

Pratibimban : Vyakti Vichar Aur Samaj

395.00 315.00

In stock

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Author: Ramsharan Joshi

Availability: 5 in stock

Pages: 272

Year: 2010

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126718856

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

प्रतिबिम्बन : व्यक्ति, विचार और समाज

रामशरण जोशी का लेखन-संसार एक आयामी नहीं, विविध आयामी है। मूलतः पत्रकार होने के बावजूद लेखक जोशी ने अपनी चिन्तन और लेखन-परिधि को निरन्तर विस्तार दिया है। वे पत्रकार होने के साथ-साथ समाजविज्ञानी, सक्रिय समाजकर्मी, मीडिया शिक्षक और सतत हस्तक्षेपधर्मी हैं। सातवें दशक में आदिवासियों, बंधक श्रमिकों जैसी उत्पीड़ित व उपेक्षित मानवता पर उनका जमीनी लेखन हिन्दी जगत में चर्चित रहा है। रीचा जिले की ‘लंगड़े गाँव की कहानी’ जैसे उनके अध्ययन की गूंज संसद तक पहुँची। 2009 में प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘अर्जुन सिंह : एक सहयात्री इतिहास का’ राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हो चुकी है।

रामशरण जोशी एक प्रतिबद्ध लेखक हैं। वामपन्थी होने के बावजूद उन्होंने ‘व्यक्ति, विचार और समाज’ को व्यापक परिपेक्ष्य में देखा है। प्रस्तुत पुस्तक में उनकी बहुरंगी दृष्टि एवं सरोकारों की छटा उदुघाटित हुई है। जहाँ इसमें बॉलीवुड का अभिनेता है, वही समाजशास्त्री, लेखक, पत्रकार, प्रशासक जैसे पात्र भी हैं। इन हैसियतमंदों के बीच एक अकिंचित्, अजाना पात्र भी मौजूद है – ‘छीतर खां’। इस पात्र के माध्यम से लेखक ने अल्पसंख्यक वर्ग और भारतीय राज्य के आपसी रिश्तों की सर्जनात्मक रूप में पड़ताल की है। पुस्तक में सम्मिलित विमर्शमूलक समीक्षाओं में प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. पी. सी. जोशी, अंग्रेजी के विख्यात पत्रकार शामलाल, मानवशास्त्री व प्रशासक डॉ. कुमार सुरेश सिंह जैसे व्यक्तित्वों के लेखन की थाह भी ली गई है। ‘अपने अपने नंदीग्राम’, ‘बधून की मुक्ति का सवाल’, ‘हरसूद की डूब’ जैसे लेखों में विकास की विसंगतियों से साक्षात्कार कराया गया है।

लेखक जोशी ने राजेन्द्र यादव, मनोहर श्याम जोशी, डॉ. श्यामाचरण दुबे, पंकज बिष्ट, इब्बार रब्बी, अरुण प्रकाश, सुदीप बनर्जी जैसे रचनाकारों के साथ अपने सम्बन्धों को आत्मीय लेखन के साथ याद किया है। इस संग्रह में लेखक की 1960 से इस सदी के पहले दशक तक की अनुभव-राशि छितरी हुई है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2010

Pulisher

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