Kam Se Kam

-24%

Kam Se Kam

Kam Se Kam

295.00 225.00

In stock

295.00 225.00

Author: Ashok Vajpeyi

Availability: 5 in stock

Pages: 71

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789388753746

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

कम से कम

ऐसे दौर में जब लोकतन्त्र में कई गैर लोकतान्त्रिक तरीकों से असहमति को दबाये जाने का एक सुनियोजित अभियान ही चल रहा है, तब अशोक वाजपेयी उन सार्वजनिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों में से हैं जो कविता, लेखन, वक्तव्य और कर्म के अनेक स्तरों पर असहमति को विन्यस्त और मुखर कर रहे हैं। तरह-तरह से डराई जा रही व्यवस्था में वे निडर रहकर अपनी बात कहते हैं। वे उन लोगों में से हैं जो अन्तःकरण के आयतन को संक्षिप्त होने से लगातार बचाने का अथक यत्न करते रहे हैं।

‘कम से कम’ की कविताएँ ज़्यादा से ज़्यादा मानवीय बने रहने का अभ्यास हैं : वे इसका साक्ष्य हैं कि कठिन से कठिन समय में कविता मनुष्य बने रहने की सम्भावना की जगह होती है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Kam Se Kam”

You've just added this product to the cart: