Thoda-Sa Ujaala

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Thoda-Sa Ujaala

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399.00 339.00

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Author: Ashok Vajpeyi

Availability: 5 in stock

Pages: 256

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788194939856

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

थोड़ा-सा उजाला

कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने नौ महीनों से घरबन्द कर रखा है। लाचार एकान्त ने, संयोग से, रचने-समझने की इच्छा और शक्ति को क्षीण नहीं किया। इस पुस्तक में संगृहीत कविताएँ और ‘कभी-कभार स्तम्भ के लिए हर सप्ताह लिखा गद्य इसी इच्छा और यत्किंचित् शक्ति का साक्ष्य हैं। बहुत कुछ स्थगित हुआ, दूसरे दूर चले गये, हमने उनसे विवश होकर दूरियाँ बना लीं, संवाद रू-ब-रू न होकर अपनी मानवीयता या कम-से-कम गरमाहट खोता रहा पर उनकी भौतिक अनुपस्थिति कविता और गद्य में सजीव उपस्थिति बनी रही। उनका इस तरह आसपास, फिर भी, होना कृतज्ञता से भर देता है। इस अर्थ में यह एक संवाद-पुस्तक है।

अगर अब पाठक भी इस संवाद में अपने को शामिल महसूस करेंगे तो मुझे कृतकार्यता का अनुभव होगा। यह भरोसा हमारे भयाक्रान्त समय में ज़रूरी है कि हम अकेले पड़कर भी मनुष्य, थोड़े-बहुत ही सही, बने रहे। शब्द अगर अक्षर भी हैं तो ऐसे समय में वह हमें निर्भय भी करें ऐसी उम्मीद करना चाहिए।

– अशोक वाजपेयी

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Hindi

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Publishing Year

2021

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