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Description
मोर्चे पर स्त्री
भारतीय स्त्री का जीवन ऐसी महागाथा है जो युगों से विचारकों के बीच विमर्श का केंद्र रही है। आज के तेजी से बदलते समय में भी भारतीय समाज में स्त्री की स्थिति वह नहीं हो पाई है जिसकी अपेक्षा की जा रही थी।
इस पुस्तक में विचारवान लेखिका ने जीवन के विविध सोपानों में स्त्री की वस्तुस्थिति को समझने की कोशिश करते हुए यह प्रयास किया है कि समाज उसकी तकलीफ में शामिल हो।
बचपन हो या किशोरावस्था, यौवन हो या प्रौढ़ावस्था, वैवाहिक जीवन हो या वृद्धावस्था, स्त्री को कदम कदम पर संघर्ष करना पड़ता है।
यह पुस्तक स्त्री के लिए एक आत्मीय दुनिया की जरूरत पर जोर देते हुए उसके लिए कारगर वैचारिक पहल करती है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2010 |
Pulisher |
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