Itishri

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200.00 170.00

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200.00 170.00

Author: Somnathan

Availability: 5 in stock

Pages: 101

Year: 2013

Binding: Hardbound

ISBN: 9788180318191

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

इतिश्री

‘एक बार अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन सीनेट जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने एक जगह देखा, सड़क की बग़ल में दलदल में फँसा एक आदमी दलदल से निकलने का प्रयास कर रहा था, किन्तु वह दलदल में और भी धँसता जा रहा था, तब अब्राहम लिंकन स्वयं कीचड़ में घुसकर, उस आदमी का हाथ पकड़कर उसे दलदल से बाहर ले आए। देखनेवालों ने आश्चर्य व्यक्त किया, तो अब्राहम लिंकन ने उनसे कहा, इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं। मैंने यह काम अपने मन की पीड़ा शान्त करने के लिए ही किया। इस आदमी को दलदल में छटपटाते देखकर मेरा मन भी छटपटाने लगा था।…आशा है, आप लोग मेरा मन्‍तव्य समझ गए होंगे। अच्छा, अब विदा।’

‘इतिश्री’ के डॉ. राजगोपाल के ड्राइवर श्याम ने इसी मन्तव्य से उत्प्रेरित होकर अपने मालिक के परिवार के लिए वह काम कर दिखाया जिसे बड़े-बड़े लोग भी शायद ही कर सकें।

वस्तु की दृष्टि से यह अभूतपूर्व है। अपनी तमाम ख़ूबियों से युक्‍त यह नाटक मंचन और पाठ दोनों के लिए समान रूप से महत्‍त्‍वपूर्ण है।

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Hardbound

Language

Hindi

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Publishing Year

2013

Pulisher

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