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हिन्दू धर्म क्या है
हिन्दू धर्म सभी लोगों को अपने-अपने धर्म के अनुसार ईश्वर की उपासना करने को कहता है, और इसलिए इसका किसी धर्म से कोई झगड़ा नहीं है। हिन्दू-धर्म अनेक युगों का विकास फल है। हिन्दू लोगों की सभ्यता बहुत प्राचीन है और उनमें अहिंसा समायी हुई है। हिन्दू-धर्म एक जीवित धर्म है। हिन्दू-धर्म जड़ बनने से साफ इनकार करता है।
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हिन्दू-धर्म क्या है ?
यह हिन्दू-धर्म का सौभाग्य अथवा दुर्भाग्य है कि वह कोई सत्तारोपित मत नहीं है। अतः अपने आपको किसी गलतफहमी से बचाने के लिए ही मैंने कहा है कि सत्य और अहिंसा मेरा धर्म है। यदि मुझसे हिन्दू-धर्म की व्याख्या करने के लिए कहा जाये तो मैं इतना ही कहूंगा-अहिंसात्मक साधनों द्वारा सत्य की खोज। कोई मनुष्य ईश्वर में विश्वास न करते हुए भी अपने-आपको हिन्दू कह सकता है। सत्य की अथक खोज का ही दूसरा नाम हिन्दू-धर्म है। यदि आज वह मृतप्राय, निष्क्रिय अथवा विकासशील नहीं रह गया है तो इसलिए कि हम थककर बैठ गये हैं और ज्यों ही थकावट दूर हो जायेगी त्यों ही हिन्दू-धर्म संसार पर ऐसे प्रखर तेज के साथ छा जायेगा जैसा कदाचित् पहले कभी नहीं हुआ। अतः निश्चित रूप से हिन्दू-धर्म सबसे अधिक सहिष्णु धर्म है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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