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Description
गीता की चमत्कारी शिक्षा
दो शब्द
गीता जीवन सम्बन्धी शास्त्र है। जीवन को चिन्ताओं और तनावों से मुक्त करके उसे आनन्द से परिपूर्ण कर देना गीता का मुख्य चमत्कार है। जीवन का दूसरा नाम है, क्रियाशीलता। सारा जीवन विविध प्रकार के कर्म करते हुए बीतता है। इन्हीं सामान्य कर्मों के द्वारा जीवन में सुख भरने के साथ-साथ ईश्वर से मिला देने का आश्चर्यजनक कार्य गीता ने कर दिखाया है, जीने की कला का नाम गीता है।
साधारण कर्म को ईश्वर से मिला देने का साधन अर्थात् योग बनने के उद्देश्य से गीता ने तीन चमत्कार किये हैं। (1) कर्म की शल्य-क्रिया की है, (2) मन को वश में करने के उपाय ढूँढ़ निकाले हैं, और (3) भगवान के साक्षात् दर्शन कराये हैं। कर्म के दो भाग करके उसके लिए परिश्रम वाला भाग हमें पकड़ा दिया है। ताकि हम श्रम की तल्लीनता में स्वर्गीय आनन्द लूटें। कर्म का फल भगवान को दे दिया ताकि हम फल के लिए दुखी-सुखी होना छोड़ दें। फल का ध्यान छोड़ते ही सारे तनाव और सारी चिन्ताएँ समाप्त हो जाती हैं। गीता ने हमें आनन्द दे दिया और दुखःसुख का भार भगवान पर डाल दिया, धन्य है गीता माता।
हमारा मन बहुत चंचल है। इसकी चंचलता दूर करने के चार महत्त्वपूर्ण उपाय गीता ने सुझाये हैं जिनमें समर्पण का तरीका सबसे अधिक सरल है। फिर भगवान के साक्षात दर्शन कराके हमारा जीवन सार्थक कर दिया है। भगवान के दर्शन असल में गीता का संक्षिप्त संस्करण है। गीता की चमत्कारी शिक्षा समझने के लिए यह अकेला अध्याय ही पर्याप्त है।
यद्यपि गीता भगवान के साथ मुख्यतः प्रेम सम्बन्ध जोड़ती है, परन्तु जो लोग ज्ञान-प्रधान हैं उनके लिए आत्मानात्म विवेक और त्रिगुणातीतता के दो उपाय बताए हैं जिनके द्वारा वे भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद तीन परिशिष्टयाँ हैं। पहली परिशिष्ट हमारी कर्मभूमि का स्वरूप समझाती है, दूसरी धूर्त पिशाचों से सावधान करती है और तीसरी मनुष्य के दैनिक कर्मों पर प्रकाश डालती है। अन्तिम अध्याय में उपसंहार लिखकर गीता समाप्त कर दी है।
गीता ऐसी अमूल्य धरोहर है जो घर-घर में पढ़ी जानी चाहिए। इसी उद्देश्य से गीता की चमत्कारी शिक्षा को सरल भाषा में समझाने का प्रयत्न किया गया है। आशा है पुस्तक जनता-जनार्दन को पसन्द आएगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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