Himalaya Mein Vivekanand

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Himalaya Mein Vivekanand

Himalaya Mein Vivekanand

195.00 170.00

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195.00 170.00

Author: Ramesh Pokhriyal 'Nishank'

Availability: 5 in stock

Pages: 124

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9788123779560

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

हिमालय में विवेकानन्द

विश्व भर में भारत-भू और भारतीयता तथा हिंदू धर्म और संस्कृति के गौरव एवं अस्मिता का जिस भारतीय ने पहली वार परचम लहराया वह असंदिग्ध और निर्विवादित रूप से स्वामी विवेकानंद थे। यह किंचित अचरज और हैरानी की बात है कि देवभूमि उत्तराखंड के हिमालय में उनकी पाँच यात्राओं और उन्हें ‘विवेकानंद’ बनाने में इस देवभूमि के महत्वपूर्ण योगदान जैसे तथ्य अब तक अधिक उल्लेख्य प्रकरण नहीं रहे थे। सन्‌ 1893 के शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में सत्रह दिनों तक किये गए अपने ऐतिहासिक संबोधन से पहले और फिर बाद में भी वे इस देवभूमि में आए और रहे थे तथा वहाँ एक आश्रम की स्थापना भी की।

यह पुस्तक युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के उसी देवभूमि उत्तराखंड क्षेत्र की अनेक यात्राओं एवं उनके निवास के विशेष संदर्भ में है जिसे पढ़कर पाठक ‘नरेंद्र’ के ‘विवेकानंद’ बनने की विकास-यात्रा को भी समझ सकेंगे। उत्तुंग धवल पर्वत शिखरों एवं कल-कल बहती निर्मल सरिताओं तथा समृद्ध वन-प्रांतर की इस देवभूमि ने विवेकानंद को बार-बार अपने चुंबकीय आकर्षण से अपनी गोद में आने को विवश किया। सामान्य पाठकों को तो यह पुस्तक रुचेगी ही, विवेकानंद को जानने-समझने की इच्छा रखने वाले अध्येताओं को भी पुस्तक बेहद उपयोगी लगेगी।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Publishing Year

2022

Pages

Pulisher

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