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Description
ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ
प्रस्तावना
(प्रथम संस्करण)
श्रीरामकृष्ण के शब्दों में स्वामी विवेकानन्द ‘ध्यानसिद्ध’ थे। इन ‘ध्यानसिद्ध’ महर्षि की गहन आध्यात्मिकता आध्यात्मिक अनुभूतियों के स्वयं उन्हीं के द्वारा किये गये विशद वर्णन के आधार पर ध्यान तथा इसकी पद्धतियाँ नामक यह पुस्तक पाठकों को प्रस्तुत करते हमें प्रसन्नता हो रही है।
स्वामीजी ने न केवल भारतीय आध्यात्मिक चिन्तन की जाँची-परखी दीर्घ परम्परा के अनुसार ध्यान के अनेक पक्षों को हमारे समक्ष रखा है अपितु मनुष्य जीवन के ध्येय के लिये उसकी आध्यात्मिक उपयोगिता भी बतायी है। साथ ही उन्होंने ध्यानमग्नता द्वारा सुप्त आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करके दैनिक व्यावहारिक जीवन में भी दिव्यता की अभिव्यक्ति पर अत्यधिक बल दिया है।
रामकृष्ण संघ की वेदान्त सोसायटी, सेंट लुई (मिसूरी, संयुक्त राज्य अमेरिका) केन्द्र के प्रभारी संन्यासी स्वामी चेतनानन्दजी ने अद्वैत आश्रम मायावती द्वारा प्रकाशित The complete works of Swami Vivekananda (in 8 Volumes) से स्वामी विवेकानन्द जी के ध्यान सम्बन्धी विचारों के मुख्यताः योग तथा वेदान्त की पद्धतियों के अन्तर्गत सकंलित करके उपयुक्त विषयों में वर्गीकृत तथा क्रमबद्ध किया था। इस कष्टसाध्य श्रम के लिए हम उनके आभारी है। उनके मूल सकलन के आधार पर वेदान्त सोसायटी आफ सदर्न कैलीफोर्निया (वेदान्त प्रेस, हॉलीवुड, संयुक्त राज्य अमेरिका) ने सन् 1976 में Meditation and its Methods नामक पुस्तक का अंग्रेजी में पहला संस्करण प्रकाशित किया था। इसी प्रकाशक की अनुमति से अद्वैत आश्रम, (मायावती, चम्पावत, हिमालय’) ने सन् 1980 में इसका अंग्रेजी में प्रथम भारतीय सस्करण उपरोक्त शीर्षक के अन्तर्गत ही प्रकाशित किया था; प्रस्तुत संस्करण इसी भारतीय अंग्रेजी संस्करण का हिन्दी अनुवाद है जिसके उद्वरण उक्त अद्वेत आश्रम द्वारा ही प्रकाशित विवेकानन्द साहित्य, अनुदानित संस्करण (हिन्दी) के निम्नलिखित 10 खण्डों में से है।
खण्ड संख्या संस्करण
1, 2, एवं 3 सप्तम, मार्च 2002
4 एवं 5 षष्ठ, दिसम्बर 2000
6, 7 एवं 8 षष्ठ, मई 2001
9 षष्ठ, दिसम्बर 2000
10 षष्ठ, मई 2001
पठन की सुगमता के लिये अंग्रेजी संस्करण की तरह ही प्रसंग या संदर्भ के अनुरूप उद्वरणों तथा वाक्यांशों के अनुदान तथा चिन्हांकनों में आवश्यकतानुसार काटछाँट करके परिवर्तन किया गया है तथा मूलपाठ से किये गये विलोपों तथा परिवर्तनों को सूचित किये बिना चिह्नाकनो को नया रूप दिया गया है। संदर्भों या स्त्रोतों की अलग तालिका के लिये परिशिष्ट न बनाते हुए उन्हें उद्वत लेखांशों, परिच्छेदों या अनुच्छेदों के अन्त में ही कोष्ठक में विवेकानन्द साहित्य की खण्ड-संख्या, तत्पश्चात् बिन्दु के बाद पृष्ठ-संख्या देकर निर्दिष्ट कर दिया गया है
ताकि सुधी पाठक किसी विषय में विशेष रुचि के कारण विस्तारपूर्वक जानना चाहे तो मूल स्त्रोत, की आवृत्ति से लाभान्वित तथा उपकृत्त हो सकें।
In Search of God and Other Poems तथा Reminiscences of Swami Vivekananda नामक पुस्तकों से लिये गये उद्वरणों को मूल अंग्रेजी पुस्तक (Meditation and its Methods ) से ही अनुवादित किया गया है। तथा उनके संदर्भ भी उद्धरणों के अन्त में दिये गये हैं।
स्वामी चेतनानन्दजी की सम्पादकीय टिप्पणी तथा स्वामी विवेकानन्दजी के संक्षिप्त जीवनवृत्त से एवं क्रिस्टोफर ईशरवुड के प्राक्कथन से पुस्तक की उपादेयता बढ़ी है।
हमें विश्वास है कि प्रस्तुत प्रकाशन साधकों तथा मननशील पाठकों में समादृत होगा।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
Ashfak –
बेस्ट book
Rajiv –
Good