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Description
अज्ञेय पत्रावली
लेखकों क॑ पत्र कई दृष्टियों से पाठक के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। लेखक का स्वभाव, उसकी तत्कालीन मनःस्थिति उसके अन्य लेखकों से संबंध, दूसरों की रचनाओं के बारे में उसकी राय, साहित्यिक विवादों के बारे में उसकी प्रतिक्रियाएँ आदि बहुत-सी जानकारियाँ लेखक के पत्रों से हासिल हो जाती हैं। पत्रों से लेखक के व्यक्तिगत जीवन के संबंध में भी दुर्लभ सूत्र मिल जाते हैं; जो उसकी रचनाओं के कुछ रहस्यों का उद्घाटन करते हैं। इस दृष्टि से पत्र एक प्रकार से लेखक की आत्मकथा होते हैं।
अज्ञेय (1911-1987) अपने समय के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण लेखक थे। रचनाकार-चिंतक के अतिरिक्त उनके गतिशील व्यक्तित्व का एक आयाम अपने समय के लेखकों को विभिन्न साहित्यिक आयोजनों द्वारा एक मंच देना भी रहा है। इस संदर्भ में अनेक लेखकों को उन्होंने हज़ारों पत्र लिखे होंगे। मगर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक उनके पत्रों का कोई संकलन प्रकाशित नहीं हो सका है। प्रस्तुत संग्रह इस दिशा में पहला ही है। इस संकलन में अज्ञेय के कुल 348 पत्र हैं। उनके विशाल पत्र-व्यवहार में यह संख्या बहुत कम है, फिर भी इनसे अज्ञेय के लेखकीय व्यक्तित्व तथा उनकी पत्र लेखन-कला के बारे में बहुत-सी जानकारियाँ मिल जाएँगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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