Adhoori Kahani

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Adhoori Kahani

Adhoori Kahani

175.00 140.00

In stock

175.00 140.00

Author: Vishnu Prabhakar

Availability: 5 in stock

Pages: 136

Year: 2010

Binding: Hardbound

ISBN: 9789352293018

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

अधूरी कहानी

विष्णु प्रभाकर हिन्दी कथा साहित्य के वरिष्ठतम नागरिक है। उनकी यह वरीष्ठता वयगत वरीष्ठता नहीं है। बल्कि उत्कृष्ट कथा कौशल से अर्जित की गई वरीष्ठता है। इतना होने पर भी विष्णु प्रभाकर की कथात्मक उपस्थिति आज भी ताजा दम है।

उन्होंने हिन्दी कहानी को यह सिखाया कि व्यर्थ की पहेलियों से बचकर सीधे-सीधे समझ में आने वाली कहानी कैसी लिखी जाए। वस्तुत: इसी रास्ते चलकर हिन्दी कहानी की समृद्ध परम्परा का विकास हुआ है। विष्णु प्रभाकर की प्रस्तुत संकलन में शामिल कहानियाँ इस तथ्य का साक्ष्य है कि वैसे कहानी में अपने आप-पास के दैनंदिन इतिहास की रचनात्मक प्रस्तुति संभव हो सकती है। लेखक अपनी कहानियाँ हमारे जाने पहचाने ऐसे पात्रों के माध्यम से प्रस्तावित करता है जिनसे हम रोज मुठभेड़ करते हैं। इस प्रक्रिया में विष्णु प्रभाकर आम आदमी के जीवन की सामान्य परिस्थितयों को देशकाल के पर्यावरण में बदल देते हैं। यानि व्यक्ति के माध्यम से समय और समाज को पाठक विष्णु, प्रभाकर की कहानियों में देख समझ सकता है। समय और समाज पर विष्णु प्रभाकर रुदीखी अचूक पकड़ इन दिनों लगभग दुर्लभ है। इसीलिए अनेक जैसे यथार्थकी विश्वसनीय प्रस्तुति कम देखी जाती है। और यह सब वह आम फहम भाषा में कहते हैं।

विष्णु प्रभाकर के यहाँ विचार नारों की तरह शोर गुल में नहीं बदलता और न फार्मूलाबद्ध चालाक जुगत की तरह लेखक इसका इस्तेमाल करता है बल्कि वह समूचे कथा विन्यास में एक अतंधारा या पाश्व संगीत की तरह अंर्तनिहित रहता है। मनुष्य मन की जटिल व्यवस्था हो या अमानवीय असामाजिक परिस्थितियाँ विष्णु प्रभाकर उस मनुष्य की चिंता करते हैं और उसके साथ में खड़े होते हैं जिसे सताया जा रहा है और वह फिर भी एक निरन्तर मुक्ति संग्राम करता है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2010

Pulisher

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