Bahar Aur Pare

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Author: Nirmal Verma

Availability: Out of stock

Pages: 208

Year: 2010

Binding: Paperback

ISBN: 9789387330689

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

बाहर और परे

बाहर और परे चेक लेखक इर्शी फ़ीड का प्रथम उपन्यास है। सन्‌ 1961 में इसका चेक भाषा में प्रकाशन हुआ और उसके आठ साल बाद ही 1969 में यह निर्मल वर्मा के हिन्दी अनुवाद में पाठकों के लिए उपलब्ध था।

कथा एक प्रौढ़ होते जाते शतरंज के खिलाड़ी के गिर्द घूमती है, जिसने अपने खिलाड़ी जीवन की शुरुआत बड़ी सम्भावनाओं से की थी, लेकिन दुर्भाग्य से सफलता उसके हिस्से नहीं आयी और अब उसे शतरंज पर अख़बार में स्तम्भ लिखने जैसे आत्म-पराजयी काम करने पड़ते हैं। काम्यू के उपन्यास “अजनबी” की तरह यहाँ भी कथानक के केन्द्र में माँ की मृत्यु है, जो नायक को अपने जीवन का लेखा-जोखा करने पर विवश करती है।

समाजवादी व्यवस्था की घुटन, ईश्वर की अनुपस्थिति, देह में बढ़ती हुई उम्र की पदचाप-ऐसे कई विषयों को इर्शी फ़ीड ने बड़ी नाज़ुकी से इस पहले उपन्यास में उद्घाटित किया जबकि उस समय स्वयं उन की आयु केवल अट्टाईस बरस की थी।

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Authors

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Pulisher

Publishing Year

2010

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