Hindi Kahani : Parampara Aur Samkal
₹275.00 ₹215.00
- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
हिन्दी कहानी परम्परा और समकाल
आज के दौर का यथार्थ जटिल और बहुरंगी है। जीवन के परिप्रेक्ष्य बहुत व्यापक हो गये हैं और उसी हिसाब से इस दौर में सक्रिय लेखकों की जीवनदृष्टि, रचना की थीम, अनुभव और संवेदना की दिशाओं, शिल्प, भाषा सब में पर्याप्त भिन्नता है। ठोस यथार्थ दीखने में आभासी मालूम पड़ता है और इसके प्रति लेखकों के दृष्टिकोण भी अलग-अलग हैं। वर्तमान समय समाज, संस्कृति, राजनीति और मानवीय सम्बन्ध-चेतना सबकी संरचना को विखण्डित कर रहा है। जाहिर है कि ऐसे समय में कोई ऐसी धारणा जिस पर आम राय बनायी जा सके, सम्भव नहीं मालूम पड़ती। इसीलिए इस काल की कहानियों के मिजाज और रूप-रंग को किसी एक संज्ञा में समेट पाना मुश्किल है क्योंकि नाम प्रस्तुत करने के लिए पहले एक ठोस अवधारणा बनाने की जरूरत पड़ती है और यह समय अवधारणा को ही संकटग्रस्त बनाता है।
– भूमिका से
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
Reviews
There are no reviews yet.