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Description
भक्ति संवेदना और मानव मूल्य
भक्ति संवेदना ने मानव मूल्यों की स्थापना में महती भूमिका निभाई है। जाति–पाति, अमीर–गरीब आदि विषमतामूलक बातों की उपेक्षा करते हुए भक्त कवियों ने समतामूलक समाज की परिकल्पना की जिसमें समाज के सभी लोग समान भूमि पर विचरण कर सकें। भक्ति की निर्गुण और सगुण–दोनों ही धाराओं ने भक्ति संवेदना के आधार पर मानव मूल्यों को सर्वोपरि रखा, भले ही उनकी साधना–पद्धति अलग–अलग रही।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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