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Description
भारत में इस्लाम
आधुनिकतावादी आंदोलनों ने अपने पूर्व जिस रोमैंटिसिज्म, क्लैसिज्म और नेचुरलिज्म का विरोध और उससे संघर्ष करके स्वयं को स्थापित किया था, उसमें जो कुछ भी श्रेष्ठ था, वह भी उन्हें पूरी तरह अस्वीकार्य था। परंपरागत साहित्य एवं कला रूढ़ियों, यथातथ्यता और स्थूलता से असंतोष समझ में आता है, पर अमानवीयकरण, विकृतिकरण और अमूर्तीकरण की ओर प्रवण की प्रयोगशीलता ? यह कहा गया कि आधुनिक चित्र, शिल्प, शैली और साहित्य में यथार्थ का जो नया बोध है, वह परंपरागत बोध से अलग है। आधुनिक कला में बाह्य यथार्थ का चित्रण स्वीकार नहीं था। इसलिए भीतरी यथार्थ को चित्रित करने के क्रम में आधुनिक कला अमानवीयकरण की ओर प्रवृत्त हुई।
– भूमिका से
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2024 |
Pages | |
Pulisher |
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