Uska Sach
Uska Sach
₹300.00 ₹299.00
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Author: Pushpa Saxena
Pages: 120
Year: 1996
Binding: Hardbound
ISBN: 0
Language: Hindi
Publisher: Yatri Prakashan
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Description
उसका सच
‘‘चल निक्की, देर हो रही है।’’ गौरी ने स्नेह से उसके कंधे पर हाथ धरा था।
कॉटेज पहुँचते ही नेहा शुरू हो गई थी, ‘मम्मी, निवकी ने क्या सरप्राइज दिया ! मैं तो इमेजिन भी नहीं कर सकती थी, शी कुड डांस सो वेल…’’
‘‘हूँह। हसे डांस सिखाने के पूरे पाँच हजार दिए है, वर्ना दया यह डांस कर पाती ?’’
‘‘किसे पाँच हजार दिए हैं, मम्मी ?’’ नेहा ताज्जुब में थी।
‘‘अरे उसी डांसर… रॉबिन को। वो तो इसे सिखाने को तैयार ही नहीं था, कहता था इसे डांस सिखाने की जगह किसी पत्थर की मूरत को शिखा देगा, पर पाँच हजार पर मान गया। आज उसने डिमांस्ट्रेट किया था, बाकी रकम जो लेनी है।’’
‘‘नहीं…तुम झूठ बोलती हो, वो हमारा दोस्त है…हमारा दोस्त है।’’
अपने सारे टूटे सपनों के साथ निकिता पलंग पर ढेर हो गई थी।
– इसी पुस्तक से
अनुक्रम
- रिश्ते
- इट्स माई लाइफ
- उसका सच
- क्षति पूर्ति
- मुट्ठी भर खुशी
- फैसला
- कंजर
- पंखकटी चिड़िया
- जय श्री राम
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 1996 |
Pulisher |
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