Jhadajhadati

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Author: Vishwas Patil

Availability: 5 in stock

Pages: 552

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9789350721001

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

झाडाझडती

झाडाझडती मराठी के यथार्थवादी उपन्यास की परम्परा में सर्वश्रेष्ठ उपन्यास होने से गोदान या मेला आँचल की अगली कड़ी के रूप में इसका स्वागत किया जा सकता है। झाडाझडती सात गाँवों के विस्थापितों के दर्दनाक हालातों की भयावह और भीषण त्रासदी है, जो एक ही साथ मनुष्य के स्वभाव सम्बन्धी कुछ चिरन्तन प्रश्न तल्खी से उठाकर पाठकों को अत्यधिक बेचैन कर देती है, इसके अलावा हमारे देश परिवेश, समाज, राजनीति तथा संस्कृति के धरातल पर कतिपय अहम प्रश्नचिह्न लगा देती है। यह त्रासदी मध्यवर्गीय मनुष्य की सुखवादी प्रवृत्ति को झकझोरती है। हमारे समूचे सांस्कृति सोच और वांछित जीवन प्रणाली के सन्दर्भ में नये सिरे से विचार करने के लिए उकसाती है। बुलडोजरों के प्रहार से उजड़ती बस्तियाँ लेखक ने खुद देखीं और बेरहम सत्ताधीशों की मदहोशी को चूर-चूर कर देने वाली, उनकी घिग्घी बाँध देने वाली समूची ताकत से साक्षात्कार भी उन्होंने किया। यह ताकत भी बाँध-पीड़ित ग्रामवासियों की उनकी आहों से, चीखों से, सिसकारियों से, चीत्कारों से निकली ऊर्जा का करिश्मा देखने वाले प्रत्यक्षदर्शी भी रह चुके हैं।

इस पूरे उपन्यास में शोषक और शोषितों के बीच का द्वन्द्व उभरकर सामने आया है। अपनी जमीन, घर-परिवार, समाज, रिश्तेदारी, परिवेश से उखाड़े उजड़े बाँध पीड़ित गरीबों का एक तबका मेहनत की रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर पाता। जबकि दूसरी ओर प्रगति और विकास के नाम पर पनप रहा नव धनाढ्य वर्ग सम्पन्न से सम्पन्नतर बनता जा रहा है। क्या यही है असली विकास ? क्या यही है ग्रामोद्धार ? क्या यही है हरित क्रान्ति ? क्या यही हैं आधुनिक सभ्यता एवं औद्योगीकरण के मानदण्ड ? क्या यही हैं मानवीय सम्बन्धों के सरोकार ? ये तथा ऐसे कई अन्य सवाल अनायास पाठकों के सामने उभारने का प्रयास है यह उपन्यास।

– डॉ. चन्द्रकान्त बांदिवडेकर

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Authors

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

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