Paangira

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Paangira

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Author: Vishwas Patil

Availability: 5 in stock

Pages: 239

Year: 2003

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170552949

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

पांगिरा

‘पांगिरा’ में रोशनी और अँधेरे की वहीं धड़कनें हैं, जिसकी मिट्टी और मौसम के वहीं रंग और मिजाज हैं, वही राग और विराग हैं, आपाधापी और जद्दोजहद हैं धूल-फूल पत्तों की सरसराहट भी वैसी ही है-जो आज के किसी भारतीय गाँव में सहज उजागर है।

‘पांगिरा’- महाराष्ट्र का एक आधुनिक भारतीय गाँव- इस उपन्यास का क्रेन्द्रीय कथानक है। दरअसल पांगिरा एक ऐसा विराट् कैनवास है जिस पर तमाम चलती हुई गतियों में फँसे लोगों का बहुरूपी तसवीरें हैं, जो अपने-अपने तरीके से इस उपन्यास को खुश और उदास अर्थ देते हैं- पूरी आत्मीता और सजगता के साथ। – और शायद इसलिए ‘पांगिरा’ उपन्यास को एक सशक्त सामाजिक दास्तावेज कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि मराठी भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार श्रीं विश्वास पाटिल ने इस प्रतीकात्मक सामाजिक दस्तावेज के जरिए जीवन की सार्थक परिभाषा को तलाश करना चाहा है।

मूल मराठी से आनूदित इस बहुचर्चित उपन्यास को अपनी अनुवादगत सीमाएँ हैं, लेकिन गाँव का यह महाकाव्य हिन्दी के उपन्यास-प्रेमी पाठकों को रोचक, रोमांचित और सुखद अनुभव देगा।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2003

Pulisher

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