Stepaled Parchiyan

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Stepaled Parchiyan

Stepaled Parchiyan

395.00 295.00

In stock

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Author: Pragati Gupta

Availability: 5 in stock

Pages: 118

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789355185105

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

स्टेपल्ड पर्चियाँ

मेरे लिए अपने अंतः की यात्रा पर निकलना सुखद अहसासों से जुड़ा है; जहाँ पसरे हुए मौन में छुए-अनछुए पहलुओं पर मेरा गुपचुप वार्तालाप होता है। जब शब्दों के सिरे जुड़कर कही-अनकही आवाज़ों की प्रतिध्वनियों को चाहकर भी विस्तार नहीं दे पाते।..तब अंतः में पसरा हुआ मौन गडमड हुए शब्दों को उनके अर्थों समेत अपने बाहुपाश में बांध लेता है। कोई भी यात्रा बहुत थकान भरी हो सकती है, अगर हम उसे महसूस न कर पाएं। मगर मैं जब कभी गाहे बगाहे बहुत कुछ टटोलने और खोज करने के लिए इस यात्रा पर निकलती हूँ, हर आवाज़ की प्रतिध्वनि के पीछे छिपी रूह मुझे परत दर परत पढ़ने को उद्वेलित करती है।

ऐसी यात्राओं पर निकलना उस मौन से साक्षात्कार होना है, जहाँ मिलने वाली शांति, ऊर्जा का स्त्रोत है। वहाँ सब बहुत आत्मीय है। इस आत्मीय सत्ता का संपर्क उस परम सत्ता से है, जो सृजन करवाता है। ऐसे में ईश्वर निमित्त शब्दों के सिरे स्वतः ही बँधते जाते हैं। और कहानियां, संस्मरण, लेख कविताएं, उन आवाज़ों की प्रतिध्वनियों की ज़रूरत के अनुसार ढलते जाते हैं। जब तक उन प्रतिध्वनियों की व्याख्या मैं अपने पाठकों के लिए नहीं कर लेती, मेरी यात्रा पूर्ण नहीं होती। मैं तभी हर लेखन के बाद उस परम सत्ता के आगे नतमस्तक हो जाती हूँ। और तेरा तुझको अर्पण कर नवीन आवाज़ों की प्रतिध्वनियों को सुनने के लिए नव-यात्रा का सोपान चढ़ती हूँ।

अनुक्रम

       भूमिका

★       अदृश्य आवाज़ों का विसर्जन

★       गुम होते क्रेडिट-कार्ड्स

★       खिलवाड़

★       अनुत्तरित प्रश्न

★       तमाँचा

★       सोलह दिनों का सफर

★       ग़लत कौन

★       काश !!

★       बी-प्रैक्टिकल

★       स्टेप्लड पर्चियाँ

★       माँ ! मैं जान गई हूँ

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

Language

Hindi

1 review for Stepaled Parchiyan

  1. 5 out of 5

    Dr Archana

    Verry nice book..must read


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