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Description
सनागत (राजस्थानी)
कहाणी मिनख री आदू जरूरत रैयी है। कहाणी ही बंतळ रो आधार रैयी है। बंतळ री जरूरत सूं ई भासा री सिरजणा हुयी अर बंतळ सूं ई कहाणी री उपज। दुनिया री बीजी भासावां ज्यू राजस्थानी में ई कहाणी सरू सूं ई कहण-सुणन री चीज रैयी है। लोककथा अर वात-साहित्य सूं आगै बधती आज री राजस्थानी कहाणी में वै सगळा गुण है जिका बीजी भासावां री कहाणी में है। डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी (29 नवंबर, 1981, ग्राम-धन्नासर, जिला-हनुमानगढ़, राजस्थान। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान, जयपुर रा मिशन निदेशक पद माथै कार्यरत हैं। राजस्थानी अर हिंदी मांय कहाणी, कविता अर डायरी लेखन रै अलावा आप अनुवाद अर संपादन रा ई मोकळा काम कर्या है अर अजे तांई आपरी चौदह पोथ्यां छप चुकी हैं। आपनै राजस्थानी कविता संग्रै ‘रणखार’ सारू साहित्य अकादेमी रो युवा पुरस्कार, हिंदी कविता संग्रै ‘रेगमाल’ सारू राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर रो सुधींद्र पुरस्कार अर राजस्थानी कहाणी संग्रै ‘भरखमा’ सारू राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर रो मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ कथा साहित्य पुरस्कार समेत मोकळा मान-सनमान मिल्योड़ा है। आपरी कहाणी माथै राजस्थानी फिल्म ‘भरखमा’ रो ई निर्माण हुयो है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Rajasthani |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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