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Description
वे देश के काम आए
देश की स्वाधीनता के लिए मर-मिटने वाले रण-बाँकुरों की कथाएँ तो हम सब जानते ही हैं, किंतु स्वाधीनता-उपरांत भी, राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता को कायम रखने के उपक्रम में हमारे वीर जवानों ने बार-बार अपना बलिदान दिया है। प्रस्तुत कहानी-संग्रह हमारे ऐसे ही बहादुर जवानों की कारगिल युद्ध समेत अनेक अन्य अवसरों पर देश की सीमाओं पर दुश्मनों तथा देश के अंदर आतंकवादियों से मुठभेड़ की कहानियों पर आधारित है। लेखिका नीरजा माधव एक साथ उपन्यासकार, कथाकार, कवयित्री, निबंधकार एवं विचारक हैं। विभिन्न विधाओं में 45 से अधिक पुस्तकों की प्रणयनकर्जी विदुषी लेखिका आज भी सृजनरत हैं। भारतीय सभ्यता, संस्कृति और परंपरा की प्रबल पैरोकार लेखिका के लेखन में राष्ट्र सर्वोच्च सोपान पर स्थापित है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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