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Description
पति पत्नी और साहित्य
वरिष्ठ कथाकार मालती जोशी के शब्दों में, सूर्यबाला को हिन्दी की पहली महिला-व्यंग्यकार होने का गौरव प्राप्त है। निश्चित रूप से कथा-लेखन के अनुपात में कम व्यंग्य लेखन कर पाने के बावजूद अपने व्यंग्य कर्म की गुणात्मक समृद्धि के कारण ही सूर्यबाला आज के अग्रणी और वरिष्ठ व्यंग्यकारों के बीच प्रतिष्ठित हैं। ‘पति-पत्नी और हिंदी साहित्य’ के माधयम से सूर्यबाला ने ‘आधाी दुनिया’ कही जाने वाली स्त्री की दुनिया और शेष बची, पुरुषों विशेषकर पति-पुरुष के व्यंग्य-साक्ष्य को अपनी कलम की नोक से बेहद बारीकी से कुरेदा है। पति-पत्नी संबंधाों के खट्टे-मीठे, कड़वे और कसैले भी विद्रूप और विडंबनाओं को, परिहास और कटाक्ष के बारीक-धाागों में पिरो ले जाने की उनकी व्यंग्य शैली का अपना अलग अंदाज है। स्त्री होने के बावजूद, न उन्होंने स्त्री की गलत वकालत की है, न स्वयं पर निशाना साधाने से चूकी हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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