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Description
इस हमाम में
सूर्यबाला हिंदी कथा साहित्य की महत्वपूर्ण कथाकार है। मेरी दृष्टि में उनका कथाकार रूप उनके व्यंग रूप पर हावी रहता है। यही कारण है कि वे अपनी बात कथा, चरित्र एवं संवादों के माध्यम से कहती हैं। व्यंग रचना का सृजन करते समय उनका रचनाकार जैसे एक अलग मूड में आ जाता है अथवा कहें की उनका रचनाकार जब अलग मूड की रचना का सृजन करने लगता है तो फैंटेसी आदि तत्वों के साथ अपने हथियार पैने कर मैदान में उतरता है। कथा शिल्प में सिद्धहस्त होने के कारण उनकी व्यंग रचनाओं में एक ऐसा प्रवाह है जो आदि से अंत तक पाठक को बांधने की क्षमता रखता है।
– ज्ञान चतुर्वेदी
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher |
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