Dakhil Kharij

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Dakhil Kharij

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250.00 185.00

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Author: Ramdhari Singh Diwakar

Availability: 5 in stock

Pages: 268

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9789388933247

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

दाखिल खारिज

गाँव की टूटती-बिखरती सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था में छीजते जा रहे मानवीय मूल्यों को कथान्वित करनेवाला यह उपन्यास ‘दाखिल खारिज’ रामधारी सिंह दिवाकर की चर्चित कथाकृति है।

अपने छूटे हुए गाँव के लिए कुछ करने के सपनों और संकल्पों के साथ प्रोफ़ेसर प्रमोद सिंह का गाँव लौटना और बेरहमी से उनको ख़ारिज किया जाना आज के बदलते हुए गाँव का निर्मम यथार्थ है। यह कैसा गाँव है जहाँ बलात्कार मामूली-सी घटना है। हत्यारे, दुराचारी, बलात्कारी और बाहुबली लोकतांत्रिक व्यवस्था और सरकारी तंत्र को अपने हिसाब से संचालित करते हैं। सुराज के मायावी सपनों की पंचायती राज-व्यवस्था में पंचायतों को प्रदत्त अधिकार धन की लूट के स्रोत बन जाते हैं। सीमान्त किसान खेती छोड़ ‘मनरेगा’ में मज़दूरी को बेहतर विकल्प मानते हैं। ऐसे विकृत-विखंडित होते गाँव की पीड़ा को ग्रामीण चेतना के कथाशिल्पी रामधारी सिंह दिवाकर ने पूरी संलग्नता और गहरी संवेदना से उकेरने का प्रयास किया है। हिन्दी कथा साहित्य से लगभग बहिष्कृत होते गाँव को विषय बनाकर लिखे गए इस सशक्त उपन्यास को ‘कथा में गाँव के पुनर्वास’ के रूप में देखा-परखा और उल्‍लेखि‍त किया जाता है।

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Authors

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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