Bharat Ke Pracheen Bhasha Pariwar Aur Hindi Bhag – 1

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Bharat Ke Pracheen Bhasha Pariwar Aur Hindi Bhag – 1

Bharat Ke Pracheen Bhasha Pariwar Aur Hindi Bhag – 1

895.00 735.00

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895.00 735.00

Author: Ramvilas Sharma

Availability: 9 in stock

Pages: 386

Year: 2008

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126703524

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी-1

भारतीय भाषाओं का आपस में बहुत गहरा रिश्ता है। आर्य, द्रविड़, कोल और नाग, भारत के इन चारों मुख्य भाषा-परिवारों में कई ऐसी भाषाएँ हैं जिन पर बहुत कम बातचीत हुई है, जबकि आधुनिक भारतीय भाषाओं के आपसी सम्बन्धों को जानने के लिए यह कार्य अत्यावश्यक है। दूसरे शब्दों में, आर्य, द्रविड़, कोल और नाग भाषा-परिवारों के अन्तर्गत कम परिचित जितनी भाषाएँ हैं उनका वैज्ञानिक अध्ययन आम प्रचलित भाषाओं के सम्बन्धों की सही पहचान कराने में सक्षम होगा। साथ ही भारतीय भाषा-परिवारों का विश्व के गैर-भारतीय भाषा-परिवारों से क्‍या सम्बन्ध है, इसकी भी गहरी पहचान सम्भव होगी।

भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक अध्ययन के इसी महत्त्व को रेखांकित करते हुए सुविख्यात समालोचक डॉ. रामविलास शर्मा ने यह कालजयी शोध-कृति प्रस्तुत की है। तीन खण्डों में प्रकाशित इस ग्रन्थ का यह प्रथम खण्ड है, जिसमें उन्होंने हिन्दीभाषी क्षेत्र की बोलियों का गहन अध्ययन किया है, और हिन्दी तथा सम्बद्ध बोलियों के विकास को प्राचीन आर्य कबीलाई भाषाओं के साथ रखा-परखा है। भाषाविज्ञान पर एक अप्रतिम और युगान्तरकारी ग्रन्थ।

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Hardbound

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Publishing Year

2008

Pulisher

Language

Hindi

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