Aalap Mein Girah

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Aalap Mein Girah

Aalap Mein Girah

199.00 159.00

In stock

199.00 159.00

Author: Geet Chaturvedi

Availability: 10 in stock

Pages: 160

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789389598698

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

अलाप में गिरह

अपनी प्रतिबद्ध विवेकशील विश्वचेतना में रघुवीर सहाय के बाद की समर्थ हिन्दी कविता समसामयिक, प्रतिभावान युवा कवियों द्वारा इस कदर समृद्ध और अग्रेषित की जा रही है कि अपने पाठक, आस्वादक, समीक्षक और विश्लेषक के सामने अपूर्व, कभी-कभी तरद्दुद और सांसत में डाल देने वाली, किंतु शायद हमेशा रोमांचक चुनौतियाँ खड़ी करती जाती है।

गीत चतुर्वेदी की ये कविताएँ राष्ट्र ओर व्यक्ति-दशा (‘स्टेट ऑफ द नेशन एंड दइंडीविजुअल’) की कविताएँ हैं। उनकी काव्य-निर्मित और शिल्प की एक सिफत यह भी है कि वे ‘यथार्थ’ और ‘कल्पित’, ‘ठोस और अमूर्त, संगत से विसंगत, रोजमर्रा से उदात की बहुआयामी यात्रा एक ही कविता में उपलब्ध कर लेते हैं। इतिहास से गुजरने का उनका तरीका कुछ-कुछ चार्ली चैप्लिन सा है और कुछ काल-यात्री (टाइम ट्रैवलर) सरीखा है… भारतीय समाज के लुच्चाकरण और अमानवीयता पर जो बहुत कम हिन्दी कवि नजर रखे हुए हैं, गीत चतुर्वेदी उनमें भी एक निर्भीक यथार्थवादी हैं।

– विष्णु खरे

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Publishing Year

2020

Pulisher

Language

Hindi

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