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Description
एक लड़की की जिन्दगी
दुल्हन रुख़सत होकर जा चुकी थी। मँझली खाला कोनों में मुँह छिपाकर रोती फिर रही थी। बड़े भैया बार-बार आँसू पीने की कोशिश कर रहे थे। लोगों के उठने के बाद शामियाने के नीचे सोफ़े अब ज़रा वेतरतीवी से पड़े थे। कारचोवी मसनद पर जहाँ निकाह और बाद में आरसी मुसहिफ़ हुआ था, अब बच्चे कूद रहे थे और फूलों के हार बिखरे प़डे थे। मीरासने गाते-गाते थक चुकी थीं। शहर की ‘ऊँची सोसाइटी’ के अफ़राद मेज़वानों को खुदा हाफ़िज़ करके मोटरों में सवार हो रहे थे। विलकीस रिश्तेदारों के हुजूम में अंदर बैठी जोर-जोर से हँस रही थी। स्याह शेरवानी और चूड़ीदार पाजामे में मलबूस उसका कज़िन मेहमानों को सिगरेट पेश करते-करते उकताकर सोफ़े पर बैठ गया था। उसकी भाभीजान शामियाने के एक कोने में उसके दोस्तों के हुजूम में खड़ी मसल-ए-कश्मीर पर धुआँधार तकरीर कर रही थीं। यह हमारा पटरा करवाएँगी’-नादिर ने जरा परेशानी से सोचा और फिर कॉफी मँगवाने के लिए कोठी के अंदर चला गया।
वह उसी तरह खड़ी वहस में उलझ रही थी जब एक शानदार शख़्स हाथ में कॉफ़ी की प्याली लिए उसके करीब से गुज़रा और उसे देखकर बड़ी उदासी से मुस्कुराया गोया उसकी आँखों में तैरते बेपायाँ अलम को समझता हो या समझने की कोशिश कर रहा हो।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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