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Description
उत्ताल उमंग
सुभाष घई पिछले तीन दशक ६ जनरत हैं। एक नाचीज से शुरू हुई उनकी रचना-यात्रा शिखर-संधान करते हुए आज भी जारी है। ‘कालीचरण’ की शुरुआत का अनजाना व्यक्तित्व हिन्दी सिनेमा में एक प्रतिमान की तरह स्थापित हो चुका है। इस तरह कि उसकी कठोरतम आलोचना भी की जा सकती है लेकिन उपेक्षा नहीं। आज सुभाष घई एक विशाल कारपोरेट साम्राज्य के शीर्ष पुरुष हैं। उनकी निर्माण संस्था के अन्तर्गत अनेक फिल्मकार फिल्में बना रहे हैं। फिल्म निर्माण से सम्बन्धित अनेक उपक्रमों के वे मालिक हैं। उन्होंने अपनी पिछली कई फिल्में खुद ही प्रदर्शित की हैं और अब वितरण व्यवसाय में भी प्रवेश कर चुके हैं। उनका इरादा फिल्म निर्माण से सम्बन्धित प्रशिक्षण देने वाला एक विराट संस्थान भी आरम्भ करने का है, कहा जाता है कि उसकी सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। पर हमारे लिए या कहना चाहिए कि सिनेमा के आशिकों के लिए सबसे बड़कर महत्त्व का उनका फिल्मकार व्यक्तित्व है जिसने उन्हें लाखों दिलों की चाहतों में शामिल किया है। हमारी यह किताब सुभाष घई के फिल्मकार व्यक्तित्व से ही मुखातिब है जिसका हमसे पिछले तीन दशकों में लगातार प्रगाढ़ सम्बन्ध बनता चला गया।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2007 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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