Manak Hindi Ka Vyavharparak Vyakaran

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Manak Hindi Ka Vyavharparak Vyakaran

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Author: Ramesh Chandra Mahrotra

Availability: Out of stock

Pages: 288

Year: 2016

Binding: Hardbound

ISBN: 9788183610193

Language: Hindi

Publisher: Radhakrishna Prakashan

Description

मानक हिंदी का व्यवहारपरक व्याकरण

हिंदी भाषा हिंदी की समस्त बोलियों के समुच्चय की बोधक है। जिस तरह नदी की सहायिकाएँ अपनी अलग सत्ता रखते हुए भी नदी की मुख्यधारा से अपना नित्य संबंध निभाती हैं, उसी तरह भाषा की बोलियाँ भी अपना पृथक अस्तित्व बनाए रखकर भाषा की अंतर्धारा से अपना संबंध सजीव किए रहती हैं। भाषा का मानक रूप एक बहुग्राही सम्मिश्र रूप होता है। उसकी सैर दूर-दूर तक और गलियारों तक में होती है, इसलिए वह हर जगह से कुछ न कुछ ग्रहण करती चलती है। अनेक क्षेत्रों के शब्दादि और विशिष्ट अर्थ प्रायः उसमें प्रविष्ट होते रहते हैं। जिन रूपों और प्रयोगों को सभी लोग शुद्ध मानते हुए उनका केवल एक रूप स्वीकार करते हैं, उनके बारे में कोई भी कह देगा कि वे मानक हैं। लेकिन नए-पुराने तर्कों और रूपों के आधार पर कभी-कभी एकाधिक रूप या प्रयोग भी चलन में होते हैं।

विख्यात भाषा वैज्ञानिक रमेश चंद्र महरोत्रा की यह पुस्तक भाषा प्रयोग की ऐसी ही व्यावहारिक समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए आम पाठक से लेकर भाषा को माध्यम के रूप में प्रयोग करनेवाले बुद्धिजीवियों तक के लिए एक निर्देशिका के रूप में काम करेगी, ऐसा हमारा विश्वास है।

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Hardbound

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Publishing Year

2016

Pulisher

Language

Hindi

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