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Description
गणतंत्र का गणित
इन बत्तीस वर्षों में नरेन्द्र कोहली ने कभी व्यंग्य की अवहेलना नहीं की। समय के साथ उनका व्यंग्य और प्रखर और पैना हुआ। ‘अट्टाहास’ और ‘चकल्लस’ पुरस्कारों से सम्मानित नरेन्द्र कोहली के व्यंग्य लेखन में पिछले दिनों राजनीति का रंग कुछ गहरा हुआ है। वे दूसरों की बनाई रूढ़ सीमाओं में बँध कर, फैशनेबल नारों को ध्यान में रखकर, रचना नहीं करते, न तो वे साहित्यिक रूढ़िवादियों की मान्यता और स्वीकृति की चिंता करते हैं। इसलिए वे उन विसंगतियों पर भी लिखते हैं, जिन्हें लोगों ने देखा और भोगा तो है, किन्तु जिसके विषय में लिखने का साहस वे नहीं कर पाते।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2009 |
Pulisher |
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