Desh Bheetar Desh

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Desh Bheetar Desh

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250.00 190.00

In stock

250.00 190.00

Author: Pradeep Saurabh

Availability: 3 in stock

Pages: 168

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350009543

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

देश भीतर देश

उपन्यास ‘देश भीतर देश’ पृष्ठ संख्या 5 अध्याय एक के कुछ अंश नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन। प्लेटफॉर्म नम्बर सात पर खास तरह के यात्री थे। अपनी शक्ल सूरत और वेशभूषा के चलते वे सबका ध्यान खींच रहे थे। इसी प्लेटफॉर्म पर गुवाहाटी की ओर जाने वाली ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस खड़ी थी। यात्री अपनी बोली-भाषा में बतिया रहे थे। आसपास खड़े यात्रियों को उनकी बातचीत समझ नहीं आ रही थी। कुछ चुहलबाज़ उन्हें चिंकी बता रहे थे। कुछ नेपाली। कुछ बर्मी। तो कुछ मंगोलियन। अपनी अज्ञानता के साथ आसपास खड़े ये यात्री उनकी पहचान तय करने में लगे थे।

लोकप्रिय और चर्चित उपन्यासकार प्रदीप सौरभ के  उपन्यास ‘देश भीतर देश’ में कहानी है एक देश में उपज रहे उन अनेक देशों की, जहाँ दिल मुश्किल से मिलते हैं और मानवीय संवाद नहीं होता/ इस कहानी की पटकथा पूर्वोत्तर में रची-बसी है, जिसे हिन्दी कहानीकारों और उपन्यासकारों ने पहले कभी विषय नहीं बनाया/ ‘देश भीतर देश’ का नायक विनय है, जो ‘हाशिये’ से नया संवाद स्थापित करता है,  प्रेम केन्द्रित भूमिका निभाता है और पूर्वोत्तर के असम की विषय कथा को कहता है। यह अवश्य ही पढ़ने योग्य कहानी है/ (सुधीश पचौरी,‘देश भीतर देश’ के सन्दर्भ में) ‘देश भीतर देश’ सात राज्यों के माध्यम से अपनी कहानी कहता है / ‘देश भीतर देश’ पूर्वोत्तर भारत के आन्तरिक कलह पर आधारित है, जो कि क्षेत्रवाद की भ्रांतियाँ  को और देश में फैले नक्सलवाद को समझने में कारगर है /  उन्होंने उपन्यास के माध्यम से भारत की एकता और अखंडता को कायम करने का सार्थक प्रयास किया है।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2012

Pulisher

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