Acharya Krishnachandra Bhattacharya
आचार्य कृष्णचन्द्र भट्टाचार्य
कृष्णचन्द्र भट्टाचार्य का जन्म 12 मई, 1875 को सिरामपुर पश्चिम बंगाल में हुआ था। वे बंगाल शिक्षा-सेवा से बहाल होकर कई कॉलेजों में व्याख्याता रहे। 1930 में उन्होंने हुगली कॉलेज के स्थानापन्न प्रधानाचार्य के पद से अवकाश ग्रहण किया। अमलनेर के ‘भारतीय दर्शन संस्थान’ के निदेशक के पद पर भी वे कुछ दिन रहे। 1935 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र के पंचम जॉर्ज प्रोफ़ेसर का पद भी उनको दिया गया था।
दार्शनिक श्री भट्टाचार्य ‘रचनात्मक व्याख्या’ की अपनी पद्धति के लिए जाने जाते हैं, जिसके माध्यम से प्राचीन भारतीय दार्शनिक प्रणालियों के सहअस्तित्व में आधुनिक दर्शन की समस्याओं का भी अध्ययन किया जा सकता है।
निधन : 11 दिसम्बर, 1949