Amit Srivastava
अमित श्रीवास्तव
पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक प्राचीन शहर जौनपुर में जन्मे अमित श्रीवास्तव भूमण्डलीकृत भारत की उस पीढ़ी के लेखकों में शुमार हैं जो साहित्य की विधागत तोड़-फोड़ एवं नव-निर्माण में रचनारत हैं। गद्य एवं पद्य दोनों ही विधाओं में समान दखल रखने वाले अमित की अब तक प्रकाशित किताबें हैं-बाहर मैं, मैं अन्दर (कविता संग्रह), पहला दखल (संस्मरण), गहन है यह अंधकारा (उपन्यास), कोतवाल का हुक्का (कहानी संग्रह), भूमण्डलीकरण और समकालीन हिन्दी कविता (विचार) और कोविड ब्लूज (डायरी)। समसामयिक राजनीति, अर्थ-व्यवस्था, समाज, खेल, संगीत, इतिहास जैसे विषयों पर अनेक लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं / ऑनलाइन पोर्टल पर प्रकाशित हैं। भाषा की रवानगी, चुटीलेपन एवं साफगोई के लिए जाने जाते हैं। भारतीय पुलिस सेवा में हैं और फ़िलहाल उत्तराखण्ड के देहरादून में रहते हैं।