Amrit Rai
अमृतराय
अमृतराय का जन्म 15 अगस्त, 1921 को कानपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ। साहित्य की सभी प्रमुख विधाओं में निरन्तर लेखन करते हुए इन्होंने रवीन्द्रनाथ ठाकुर, शेक्सपियर, ब्रेख़्त, जूलियस फूचिक, आस्त्रोवस्की, हावर्ड फ़ास्ट जैसे विश्वचर्चित लेखकों की महत्त्वपूर्ण कृतियों का हिन्दी में अनुवाद किया। दस वर्षों तक ‘हंस’ पत्रिका के सम्पादक रहे। सम्पादक के रूप में लगातार नई प्रतिभाओं को उभरने के अवसर दिए। प्रेमचन्द की ढेर सारी अप्रकाशित रचनाओं को एकत्रित और प्रकाशित करने का श्रेय भी अमृतराय को जाता है।
इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं : ‘बीज, नागफनी का देश’, ‘जंगल’, ‘धुआँ’ (उपन्यास); ‘क़स्बे का एक दिन’, ‘गीली मिट्टी’, ‘भोर से पहले’, ‘सरगम’ (कहानियाँ); ‘चिन्दियों की एक झालर’, ‘शताब्दी’, ‘हमलोग’ (नाटक); ‘प्रेमचन्द : क़लम का सिपाही’ (जीवनी); ‘नई समीक्षा’, ‘विचारधारा और साहित्य’, ‘प्रेमचन्द की प्रासंगिकता’ (आलोचना); ‘अग्निदीक्षा’, ‘आदिविद्रोही’, ‘ख़ौफ़ की परछाइयाँ’, ‘फाँसी के तख़्ते से’, ‘समरगाथा’, ‘हैमलेट’ ‘रवीन्द्रनाथ के निबन्ध’ (अनुवाद) आदि।
अमृतराय को ‘प्रेमचन्द : क़लम का सिपाही’ के लिए 1963 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार एवं 1971 में सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्हें हावर्ड फ़ास्ट के उपन्यास ‘स्पार्टाकस’ के अनुवाद ‘आदिविद्रोही’ के लिए भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ अनुवाद पुरस्कार दिया गया। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा भारत भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए।
14 अगस्त, 1996 को प्रयागराज में निधन हुआ।