Balraj Madhok
बलराज मधोक
‘जीत में हार’ 1947, 1965 और 1971 के पाक आक्रमणों में भारतीय सेना की बलिदानमयी जीतों और अनवरत रूप से, भारतीय शासकों की राजनैतिक मोर्चों पर हारों से सम्बद्ध है। सैनिक दृष्टि से प्रत्येक बार सफलता पाने पर भी राजनैतिक दृष्टि से हम प्रत्येक बार हारते रहे। मुख्यतः तीन और समान्यतः चार युद्धों का जो गम्भीर लेखा-जोखा प्रोफेसर बलराज मधोक ने प्रस्तुत किया है, वह आँखे खोलने वाला है। सामान्यॉ व्यक्ति तो दूर, अनेक अच्छे-अच्छे विद्वानों, नेताओं और पत्रकारों तक को इन युद्धों में हुई राष्ट्रीय क्षति का सम्यक बोध नहीं है। अतएव, इन पर एक गम्भीर ग्रन्थ लिखकर प्रो. मधोक ने राष्ट्र की महत्त्वपूर्ण सेवा की है।