Bhagwan Singh
भगवान सिंह
जन्म : 1931 में गोरखपुर जनपद के गगहा गाँव में।
साहित्य की विविध विधाओं में लेखन। उनका शोधपरक लेखन इतिहास और भाषा के क्षेत्र में रहा है।
प्रकाशित कृतियाँ :
- काले उजले टीले (1964)
- महाभिषग (1973)
- अपने अपने राम (1992)
- परम गति (1999)
- उन्माद (2000)
- शुभ्रा (2000)
- अपने समानान्तर (1970)
- इन्द्र धनुष के रंग (1996)।
शोधपरक रचनाएँ :
- स्थान नामों का भाषावैज्ञानिक अध्ययन (अंशत: प्रकाशित, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, 1973)
- आर्य-द्रविड़ भाषाओं की मूलभूत एकता (1973)
- हड़प्पा सभ्यता और वैदिक साहित्य, दो खंडों में (1987)
- दि वेदिक हड़प्पन्स (1995)
- भारत तब से अब तक (1996)
- भारतीय सभ्यता की निर्मिति (2004)
- भारतीय परंपरा की खोज (2011)
- प्राचीन भारत के इतिहासकार (2011)
- कोसंबी : मिथक और यथार्थ (2011)।
सम्प्रति : ‘ऋग्वेद की परम्परा’ पर धारावाहिक लेखन, ‘नया ज्ञानोदय’ में।